गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

करुणानिधान उर्फ़ चिकना घड़ा

'मुझको वञ्चित' 
---------- किया सो किया। 
'था जो सञ्चित' 
---------- दिया सो दिया। 

कर ली तेरी हर विधि पूजा। 
जबरदस्ती खुश होकर जिया।। 


'सुख था किञ्चित'
---------- मृग मरीचिका। 
'बतरस सिञ्चित' 
---------- दृग यवन्निका*।

है तेरा अन्याय सुरक्षित। 
सुख देकर दुःख अधिक दे दिया।।  


'अमित प्रवंचित'
---------- हुआ क्यों हुआ?
'भौमिक स्वर मित'
---------- हुआ क्यों हुआ? 

करुणानिधान कह कह तुमको
चिकना मैंने घड़ा कर दिया।। 

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* दृग यवन्निका = दृग यवनिका [पलकें]
यवनिका = रंगमंच का परदा.

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नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.