'मुझको वञ्चित'
---------- किया सो किया।
'था जो सञ्चित'
---------- दिया सो दिया।
कर ली तेरी हर विधि पूजा।
जबरदस्ती खुश होकर जिया।।
'सुख था किञ्चित'
---------- मृग मरीचिका।
'बतरस सिञ्चित'
---------- दृग यवन्निका*।
है तेरा अन्याय सुरक्षित।
सुख देकर दुःख अधिक दे दिया।।
'अमित प्रवंचित'
---------- हुआ क्यों हुआ?
'भौमिक स्वर मित'
---------- हुआ क्यों हुआ?
करुणानिधान कह कह तुमको
चिकना मैंने घड़ा कर दिया।।
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* दृग यवन्निका = दृग यवनिका [पलकें]
यवनिका = रंगमंच का परदा.