जाड़ा चला हिमालय से
लेकर अपनी फौज।
मिल-जुलकर सब बैठ गए
अपने मन की मौज।
जाड़े ने हमला बोला
जो ग़रीब था भाई।
पर ग़रीब ने जाड़े को
आंच की ढाल दिखाई।
सुबह चार घंटे हुई
जमकर खूब लड़ाई।
सूरज जी आ गए तभी
दोनों की रार* मिटाई।
लेकर अपनी फौज।
मिल-जुलकर सब बैठ गए
अपने मन की मौज।
जाड़े ने हमला बोला
जो ग़रीब था भाई।
पर ग़रीब ने जाड़े को
आंच की ढाल दिखाई।
सुबह चार घंटे हुई
जमकर खूब लड़ाई।
सूरज जी आ गए तभी
दोनों की रार* मिटाई।