गुरुवार, 14 जनवरी 2010

जाड़ा चला हिमालय से

जाड़ा चला हिमालय से
लेकर अपनी फौज।
मिल-जुलकर सब बैठ गए
अपने मन की मौज।

जाड़े ने हमला बोला
जो ग़रीब था भाई।
पर ग़रीब ने जाड़े को
आंच की ढाल दिखाई।

सुबह चार घंटे हुई
जमकर खूब लड़ाई।
सूरज जी आ गए तभी
दोनों की रार* मिटाई।

मंगलवार, 12 जनवरी 2010

कविता ख़तम

हमारी कविता --- बकवास।
आपकी बकवास --- कविता।

आपका चिंतन सींचा काव्य
हमारा अधम रहे तुम बता।

हमारा तीन शब्द का वाक्य
हुआ करता है कम-से-कम।
आपका तीन शब्द का काव्य
क्रान्ति लाता है कहते तुम।

"है घना तुम जागते हम "
------ कविता ख़तम।

आपकी भाँती तो हम भी
तुरत कर सकते करम ।
तुम्हारी तोप हमारा बम
------ कविता ख़तम।
तुम्हारा शोर हमारा शम
------ कविता ख़तम।
तुम्हारी ख़ुशी हमारा गम
------- कविता ख़तम।
टिके हो तुम हमारे दम
------- कविता ख़तम।

(नयी कविताओं के रचनाकारों को समर्पित )

शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

ताज़ा न्यूज़

इंकी पैन का
पोला हमारा ---- लूज़ है।
टेबल लैम्प का
लट्टू हमारा --- फ्यूज़ है।
लिट्रेचर नहीं
मूवी हमारी --- चूज़ है।
आज की ताज़ा
यही बस --- न्यूज़ है।

गुरुवार, 7 जनवरी 2010

मोडर्न आर्ट

जब तक
चबाता हूँ उसे -- पान है।
थूक दूँ तो -- पीक है।

कलाप्रेमी हूँ
तरीके से सदा थूकूँ।

कोर्ट की दीवार
कोने की
किवा
लम्बी लगी क्यू
बिल जमा करने की -- अंतिम डेट को।

मैं बिन कलर बिन ब्रश
बनाता हूँ -- मोडर्न आर्ट।
हर उस जगह
जिस पर निगाहें
देर से पड़तीं।
जब बोर होता
कोई, चिंताग्रस्त होता
खोई, द्रष्टि देखने लगती।
स्वतः ही आर्ट मोडर्न --- पीक की।

(सभी पान प्रेमियों को समर्पित )

बुधवार, 6 जनवरी 2010

गुह्य अकविता

पेट का सर्किट
डिफेक्टइड हो गया मेरे
रात से गुड-गुड गड़ा-गड़ ।

तीन बारी जा चुका हूँ
है चौथी तैयारी
करता फ़टाफ़ट ।

सिटिंग वाली कम्फर्टेबल
खींच रस्सी मुट्ठवाली
फ्लश गटागट

(प्रस्तुत रचना में ध्वन्यात्मकता है। सर्दी का असर स्पष्ट परिलक्षित है.)

मेरे पाठक मेरे आलोचक

Kavya Therapy

मेरे बारे में

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नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.