गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

मिस्टर पेटूराम

एक थे मिस्टर पेटूराम
 उनका पेट भरा गोदाम
दो थे उनके मोटे हाथ
घूम नहीं पाते एक साथ
तीन बार ना खाते थे
हर दम चरते रहते थे
चार बार खाते थे चाट
बर्गर, भल्ले, टिक्की हाट
पाँच बार पीते थे चाय
दरवाजे पर रोती गाय
छह बार तम्बाकू पान
इधर-उधर हर तरफ निशान
सात बार करते स्मोक
खाँसा करते खुल-खुल खौंक
आठ बार पीते कोल्ड-ड्रिंक
हेल्थ से छूटा पूरा लिंक
नौ पैकेट खाते थे चिप्स
सूखे-सूखे रहते लिप्स
दस घंटे करते आराम
गिर जाते थे जहाँ धडाम.

[छोटे बच्चों को दस तक गिनती सिखाने के लिए लिखी गयी बाल कविता, यदि पाठक पसंद करें तो इस क्रम को आगे भी बढाने का प्रोत्साहन मिलेगा. हाँ इसे वैज्ञानिक पक्ष से ना पढ़े, जैसे की चिप्स खाने से लिप्स का सूखना आदि, यह केवल बच्चों की जंक फ़ूड के प्रति रुझान कम करने के लिए बातें डाली गयीं हैं.]

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