बुधवार, 5 जनवरी 2011

व्यर्थ निंदा लाभकारी

अये सुनारी! 
व्यर्थ निंदा लाभकारी. 
बन गए हैं जो प्रचारक 
अवगुणों के शोधकर्ता 
धूमकेतु भाँति वे भी 
अयन का अधिकार पाने 
लगाने दो उन्हें चक्कर 
धुल धुआँ युक्त डग्गर

अये सुनारी! 
दुष्ट भी तेरे पुजारी. 
कर रहे हैं रात और दिन 
तुझ से नाता जोड़ने को 
औघड़ों की भाँति वे भी 
अर्चना अधिकार पाने 
मारने दो टोना-मंतर.
मांस मदिरा पकड़ खप्पर

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शब्दों से तात्पर्य : 
अयन — गमन, गति,  चाल, प्रायः पिंडों की गोलाकार गति के लिए प्रयुक्त होता है.
डग्गर — हिंसक पशु, खूंखार जानवर.
औघड़ — फूहड़, अघोरपंथी, जो विपरीत क्रियाओं के द्वारा भक्ति का आडम्बर कर्ता है. 
खप्पर — खोपड़ीनुमा भीख माँगने का पात्र. 


यह रचना उस देवी के लिए जिसकी पूजा करने के बहाने उसे अपमानित किया जाता है. 
औघड़ों की भाँति पूजा करना भक्ति का वीभत्स रूप है. 
औघड़ अपनी भक्ति को सही ठहराने के लिए तर्क तो गढ़ ही लेता है. [तर्क मतलब कुतर्क]
कुछ बुद्धिजीवी ऐसे होते हैं जिनकी पूजा-सामग्री औघड़ों की भाँति होती है जो किसी सभ्य समाज में स्वीकृत नहीं है. 

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