मंगलवार, 12 जनवरी 2010

कविता ख़तम

हमारी कविता --- बकवास।
आपकी बकवास --- कविता।

आपका चिंतन सींचा काव्य
हमारा अधम रहे तुम बता।

हमारा तीन शब्द का वाक्य
हुआ करता है कम-से-कम।
आपका तीन शब्द का काव्य
क्रान्ति लाता है कहते तुम।

"है घना तुम जागते हम "
------ कविता ख़तम।

आपकी भाँती तो हम भी
तुरत कर सकते करम ।
तुम्हारी तोप हमारा बम
------ कविता ख़तम।
तुम्हारा शोर हमारा शम
------ कविता ख़तम।
तुम्हारी ख़ुशी हमारा गम
------- कविता ख़तम।
टिके हो तुम हमारे दम
------- कविता ख़तम।

(नयी कविताओं के रचनाकारों को समर्पित )

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नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.