बुधवार, 12 मई 2010

मेरे हाल चाल

आज गुप्पा हो गया
................ मैं फूलकर इतना
............................लगने लगा भय
.......................................नोक से.

आसमान में उठा
................ मैं ऊलकर इतना
.......................... भगने लगा हय*
.................................... शोक से.

साथ तेरे थक गया
................ मैं झूलकर इतना
........................... जगने लगा मैं
................................... झोंक से.

उर को सभी कुछ दे दिया
.................. है मूल-कर इतना
.......................... ठगने लगी वय*
..................................... थोक से.

आप आते हो नहीं
................... मुँह खोलकर अपना
............................... पगने लगी लय
......................................... कोक* से.

हय — घोड़ा;
वय — आयु;
कोक — काम-वासना.

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नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.