गुरुवार, 14 जनवरी 2010

जाड़ा चला हिमालय से

जाड़ा चला हिमालय से
लेकर अपनी फौज।
मिल-जुलकर सब बैठ गए
अपने मन की मौज।

जाड़े ने हमला बोला
जो ग़रीब था भाई।
पर ग़रीब ने जाड़े को
आंच की ढाल दिखाई।

सुबह चार घंटे हुई
जमकर खूब लड़ाई।
सूरज जी आ गए तभी
दोनों की रार* मिटाई।

मेरे पाठक मेरे आलोचक

Kavya Therapy

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.