मंगलवार, 25 दिसंबर 2012

करो सफाई मेरे भाई!

घर में खेलो करो पढ़ाई
लेकिन घर में रखो सफाई
मुँह हाथों की करो धुलाई
फिर खाना तुम खूब मिठाई।
 
घर के बाहर पड़े दिखाई
कोई अंकल गाल फुलाई
बोलो उनसे छोड़ो भाई
सुरती खैनी की रगड़ाई।
 
कुछ भी खाकर छिलका फ्लाई
करना नहीं, कहीं थुकाई
मक्खी भिन-भिन उड़ती आई
करो सफाई मेरे भाई!!
 
[बेटे संवत/ व्योम की मांग पर लिखी गयी]

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नयी दिल्ली, India
समस्त भारतीय कलाओं में रूचि रखता हूँ.