मिले एक दिन बाबा राम
बोले — कर लो प्राणायाम
पूरे दिन में बस दो बारी
खाना खाओ शाकाहारी
तीन समय लो प्रभु का नाम
सुबह, दोपहर और शाम
जागो चार बजे तुम रोज
आलस छोडो, भर लो ओज
पाँच जगह की करो सफाई
नोज़, इयर, टंग, स्किन, आई
लंच और डिनर के बीच
छह घंटे का अंतर खींच
सप्ताह में जो दिन हैं सात
करो किसी दिन व्रत की बात
ऑफिस के घंटे हैं आठ
मेहनत कर लो खोल कपाट
रात नौ बजे तक सो जाओ
टीवी प्रोग्राम नहीं चलाओ
पिचकेगा दस दिन में पेट
छोटा नहीं लगेगा गेट.
[इस बार बच्चों के लिए गिनती वाक्यों के बीच में है]
बोले — कर लो प्राणायाम
पूरे दिन में बस दो बारी
खाना खाओ शाकाहारी
तीन समय लो प्रभु का नाम
सुबह, दोपहर और शाम
जागो चार बजे तुम रोज
आलस छोडो, भर लो ओज
पाँच जगह की करो सफाई
नोज़, इयर, टंग, स्किन, आई
लंच और डिनर के बीच
छह घंटे का अंतर खींच
सप्ताह में जो दिन हैं सात
करो किसी दिन व्रत की बात
ऑफिस के घंटे हैं आठ
मेहनत कर लो खोल कपाट
रात नौ बजे तक सो जाओ
टीवी प्रोग्राम नहीं चलाओ
पिचकेगा दस दिन में पेट
छोटा नहीं लगेगा गेट.
[इस बार बच्चों के लिए गिनती वाक्यों के बीच में है]
गिनती के साथ साथ स्वस्थ जीवन की कला भी सीखा दी. :)
जवाब देंहटाएंप्रतुल जी बच्चों के लिए बहुत बढ़िया कवितायेँ लिख रहे हैं आजकल। आप क्या राज है?
जवाब देंहटाएंपिचकेगा दस दिन में पेट
जवाब देंहटाएंछोटा नहीं लगेगा गेट.
bacchon ke liye hi nahi yeh to mere jaiso ke lie bhi kalyankari updesh hai. aajkal kaafi pet nikal aaya hai
मेरे तीनों प्रिय ब्लोगर पहली बार एक साथ मेरे टिप्पणी पात्र में अपने प्रिय वचनों की भिक्षा देते हुए दिखाई दिए. धन्य ईश्वर मैं तेरा आभारी हूँ. आगे भी ऐसे जगतकल्याण में जुटे ब्लोगर्स को मेरी इस काव्य-कुटिया में आने का संयोग बनाना.
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