शनिवार, 11 सितंबर 2010

शेरा का बसेरा

बहुत दिनों से इंतज़ार है 
खेलों का हो जाए सवेरा.
दिनभर बादल छाये रहते 
रातों का तो फिक्स अंधेरा. 


दिनरात ट्रकों ने भर-भर पैसा 
दिल्ली की सड़कों पर गेरा.
कोमनवेल्थ गेम गाँव में 
शेरा का बन गया बसेरा. 

शीला के घर का शेरू ही  
खेलों का मैनेजर शेरा. 
कोमनवेल्थ गेम गुफा में 
घपले घोटालों का डेरा. 

पैसा पानी तरह बहा तो 
पानी भी आ गया भतेरा.
आधे अनपूरे कामों पर 
हथिनी कुंड ने पानी फेरा. 

शेरा .. तेरा शेरा .. मेरा   
शेरा को .. पानी ने घेरा. 
ऊपर गरजें काले बादल 
पीछे हथिनी का जल-घेरा. 

डूब रही है झोपड़-पट्टी 
डूब रहा उम्मीद बसेरा. 
लेकिन अपनी यही कामना 
खेलों का हो जाए सवेरा. 

10 टिप्‍पणियां:


  1. बहाने खेल देखो कॅम-ऑन-वेल्थ
    उधर का माल इधर बढ़ाये हेल्थ
    गिल्ली गिली फट्ट धन का कालाज़ादू देखिये
    खिलाड़ियों का स्वागत पान-पराग से करिये

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  2. शेरा तेरा शेरा मेरा
    होवेगा ज़रूर सवेरा.
    मुसीबत के साँप पकड़ने
    नहीं आयेगा कोई सपेरा.

    ..... बेटे, सकारात्मक भी सोचा करो.

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  3. बहुत सुन्दर कविता. जनता के सार्वजनिक धन को व्यर्थ बहाए जाने से पैदा हुई कीचड़ से शीला सरकार इस बार जरुर फिसल जाएगी देख लेना ........

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  4. अरे हाँ अंकल जी को सादर चरणस्पर्श के साथ उनकी गयी कविता की पैरोडी में सन्देश देना चाहूँगा की:

    सूर्य उदित हुआ और प्रकाश मिलेगा अब यहीं.

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  5. पहले तो मैं दुखी था, की यह गुलाम-मंडल खेल हो ही क्यों रहें है. अब दुखी हूँ की अगर ना हो पाए तो क्या इज्जत बचेगी अपनी ?

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  6. डॉ. अमर कुमार जी
    आपकी हिदायत ध्यान रहेगी. यदि कोई प्लेयर दौड़ता हुआ घर आ गया तो पान-पराग तो क्या....... सम्पूर्ण अनुराग से सत्कार किया जाएगा. घर पास में ही है.
    दशानन के दुष्कार्यों में उसके भाई-बांधव और पुत्र आदि सभी ने साथ दिया था. इस बार विभीषण के पद-चिह्नों पर चलना स्वीकार नहीं.

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  7. अमर जी,
    आपके काले जादू वाले मंत्र ने मेरे मन की शुष्कता को 'गिली-गिली फट्ट' करके नम कर दिया.

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  8. जनता के सार्वजनिक धन को व्यर्थ बहाए जाने से पैदा हुई कीचड़ से शीला सरकार इस बार जरुर फिसल जाएगी देख लेना

    @ आ....मीन!!

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  9. महाराज, थोड़ा पहले चेत जाते तो यही न थीम सांग बन जाता? रहमान साहब के संगीत में सजकर वाका वाका को पीछे छोड़ देता।

    प्लेयर के अलावा दर्शकों का स्वागत भी पान पराग से होगा क्या?

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  10. sanjay jii,

    नहीं करूँगा : "मान ना मान मैं तेरा मेहमान"

    हलकी सी कविता संगीतकार रहमान.

    रहने दो यार, भैया ने 'इंडिया भुला दिया' ..

    बना रहने दो कोने me 'शेरा का बसेरा'

    नहीं to khelon ke maulwii padh denge fatwaa yaa farmaan.

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