देखी तेरी लीला सबने
लिया देख सब डाटा.
................................. वाह विधाता!
फ़ैल रही है कहीं बीमारी
कहीं संकुचित 'त्राता'.
................................. वाह विधाता!
कहीं कंप होती है धरती
कहीं भूधर फट जाता.
................................. वाह विधाता!
बेमौत मरे लाखों नर-नारी
पर तू ना पछताता.
................................. वाह विधाता!
कहीं कृषि को भूमि बंजर
कहीं अकाल पड़ जाता.
................................. वाह विधाता!
कहीं टूटकर पूजा मंदिर
ह्त्याघर खुल जाता.
................................. वाह विधाता!
कहीं उजड़कर झुग्गी-बस्ती
अपार्टमेन्ट बन जाता.
................................. वाह विधाता!
कहीं पलायन वृद्ध कर रहे
कहीं टूटता नाता.
................................. वाह विधाता!
कहीं भीड़ है भक्त जनों की
कहीं कोई ना आता.
................................. वाह विधाता!
कहीं किसी पर उड़न-खटोला
कहीं बामुश्किल छाता.
................................. वाह विधाता!
कहीं टिप्पणी लगे सैकड़ा.
कहीं खुला ना खाता.
................................. वाह विधाता!
[त्राता — कल्याणकारी ईश्वर,
भूधर — पहाड़,
उड़न खटोला — हवाई जहाज, {एक विशेष सन्दर्भ में प्रयोग}
छाता — छतरी ]
sundar..
जवाब देंहटाएंटिप्पणिया तो आनीजानी हैं
जवाब देंहटाएंकविता से जुड़ा रहेगा नाता
ये बात तुम जान लो विधाता