tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post71823673738267778..comments2023-04-16T15:51:05.625+01:00Comments on Kavya Therapy: पुलिस-पीड़ितPRATULhttp://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-84433919509099892122010-04-04T06:10:49.163+01:002010-04-04T06:10:49.163+01:00प्रतुल वशिस्ठजी,
इतनी धोबी प...प्रतुल वशिस्ठजी,<br /> इतनी धोबी पछाड़ मरने की क्या जरुरत थी महाराज. कोई द्वंदवश थोड़े लखा था मैंने. टाइम काफी कम मिल पा रहा है, आपको जवाब मेल से भेजना चाह रहा था पर, मेल सेंट नहीं हो पा रही थी. आपके ब्लॉग पे बताने गया तो वहा भी एक बार में बात नहीं बनी, इसलिए पोस्ट लिख के निवेदन किया था. पश्न-प्रतिप्रश्न की बात तो दिमाग में आई ही नहीं थी.<br />सिर्फ तीनो ज़वाब ही दिलो-दिमाग से ज़ल्दबाजी में लिखा था.<br />" तार्किक विद्वान् अमित शर्मा जी!<br />@धोबी पछाड़ दे रहे है, या पोदीने के झाड पे चढ़ा रहे है."<br />यह तो सिर्फ ठिठोली थी. दोस्त साथ में बैठा था ,उसने इस बात पे मजाक करली,मैंने भी आप से पूछ लिया.गलती हो गयी आगे से ध्यान रखूँगा.<br /><br />आपका स्नेहाकांक्षी<br />अमितAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.com