tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post6907453842837142832..comments2023-04-16T15:51:05.625+01:00Comments on Kavya Therapy: प्रेम नहीं प्रतिउत्तर चाहेPRATULhttp://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-16041187182338688072011-01-31T17:40:40.138+00:002011-01-31T17:40:40.138+00:00सुन्दर कविता. सच में अच्छी लगी.सुन्दर कविता. सच में अच्छी लगी.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-8695815038010731642011-01-31T10:59:57.129+00:002011-01-31T10:59:57.129+00:00हमें तो पसन्द है यह उद्गार्…।
जैसा लगता कह देता ह...हमें तो पसन्द है यह उद्गार्…।<br /><br />जैसा लगता कह देता हूँ <br />कटु तिक्त मीठा उदगार.<br />मित्रों को भी नहीं चूकता <br />तुला-तर्क वाला व्यवहार.सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-11409729701477227162011-01-30T18:47:30.769+00:002011-01-30T18:47:30.769+00:00इस कविता का एक पुराना वर्ज़न भी है :
यह कविता मैंन...इस कविता का एक पुराना वर्ज़न भी है :<br />यह कविता मैंने भी किसी पर लिखी थी लेकिन यह तब लिखी जब मुझे पता चला कि कोई मुझे अहंकारी जान बिलावजह गालियाँ दिया करता है. <br /><br />मुझसे तुम घृणा करो चाहे <br />चाहे अपशब्द कहो जितने <br />मैं मौन रहूँ स्वीकार करूँ <br />तुम दो जो तुमसे सके बने. <br /><br />मुझपर तो श्रद्धा बची शेष <br />बदले में करता वही पेश. <br />छोडो अथवा स्वीकार करो. <br />चाहे ममत्व का करो लेश.PRATULhttps://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.com