tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post5858253110495152414..comments2023-04-16T15:51:05.625+01:00Comments on Kavya Therapy: नित्य प्रार्थनाPRATULhttp://www.blogger.com/profile/03991585584809307469noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-86013422028782067702010-09-26T15:07:51.017+01:002010-09-26T15:07:51.017+01:00मित्र अमित
मुझे श्रीमन आनंद पाण्डेय जी ने संस्कृत...मित्र अमित <br />मुझे श्रीमन आनंद पाण्डेय जी ने संस्कृत ब्लॉग लेखन के आमंत्रण दिया था. मैंने संकोच से स्वीकार तो कर लिया है. अब आप ही का आसरा है. विषय-सामग्री उपलब्ध कराने का. <br />मुझे कवितायी हिंदी में ही सूझती है. और मैंने वहाँ भी संस्कृत श्लोक के बाद अर्थ की कविताई कर दी लेकिन ब्लॉग के उद्देश्यों को बिना जान उसे संकुचित दृष्टिकोण वाला जाना और अब उसकी शुद्धता को लेकर आश्वस्त हूँ की कोई तो है हमारी देववाणी संस्कृत भाषा को पूर्णतया समर्पित. वहाँ से आहत होकर यह कविता मेरे इस औषधालय पर आ गयी. रचना की उत्पत्ति के बाद उसे मंच न मिले तो वह कुंठित हो जाती है. इसलिए इसे यहाँ प्रकाशित कर दिया. आपकी सराहना मुझे अब अच्छी लगने लगी है क्योंकि जिसका अभाव जो जाए वह जब मिलता है तो अच्छा लगता है ही.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-32266801641448358762010-09-26T15:06:41.816+01:002010-09-26T15:06:41.816+01:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-53966519832342313152010-09-26T14:59:11.016+01:002010-09-26T14:59:11.016+01:00मित्र संजय,
इस बार नीचे से तो नहीं पढ़ा था___ आदत...मित्र संजय, <br />इस बार नीचे से तो नहीं पढ़ा था___ आदतानुसार. <br />खैर, छोटी रचना का फायदा यही है कि उसे नीचे से शुरू करने की नही सूझती......... जानता हूँ. <br />_______________<br />आपका धन्यवाद रचना की तारीफ़ के लिए.प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-32912739171044225662010-09-26T14:15:00.187+01:002010-09-26T14:15:00.187+01:00अरे यह तो आपकी चिकित्सा पाकर और भी निखर गयी हैअरे यह तो आपकी चिकित्सा पाकर और भी निखर गयी हैAmit Sharmahttps://www.blogger.com/profile/15265175549736056144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-62845754791303426452010-09-26T08:24:47.176+01:002010-09-26T08:24:47.176+01:00प्रतुल जी,
बहुत अच्छा लिखते हो आप, सच में।प्रतुल जी,<br />बहुत अच्छा लिखते हो आप, सच में।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-79872944506425397852010-09-26T08:22:33.092+01:002010-09-26T08:22:33.092+01:00ये ना समझना यूं ही बक दिया. समझ आया है तभी कहा है....ये ना समझना यूं ही बक दिया. समझ आया है तभी कहा है.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8683536135406140676.post-87632368820179696232010-09-26T08:21:28.096+01:002010-09-26T08:21:28.096+01:00शानदार ! अच्छी रचना !शानदार ! अच्छी रचना !VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.com